‘नदी पुनर्जीवन को सामुदायिक भागीदारी जरूरी’
Varanasi News - वाराणसी में आईआईटी बीएचयू में 'नदी स्वास्थ्य एवं पुनर्जीवन' सम्मेलन शुरू हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया। फ्रांस और एमएनएनआईटी के विशेषज्ञों ने नदी प्रदूषण की समस्या और स्वास्थ्य मूल्यांकन की आवश्यकता पर चर्चा की। छात्रों ने नदी स्वच्छता पर पोस्टर और प्रस्तुतियां दीं।
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। आईआईटी बीएचयू में गुरुवार को दो दिनी ‘नदी स्वास्थ्य एवं पुनर्जीवन’ सम्मेलन शुरू हुआ। मुख्य अतिथि पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि नदी पुनर्जीवन के लिए सामुदायिक भागीदारी सबसे जरूरी है। सम्मेलन के संयोजक एवं सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. पीके सिंह ने स्वागत भाषण में सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत की। पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी के संबोधन के बाद फ्रांस के प्रो. हर्वे पिएगे और एमएनएनआईटी के निदेशक प्रो. आरएस वर्मा ने नदी प्रदूषण की बढ़ती समस्या और व्यवस्थित नदी स्वास्थ्य मूल्यांकन की जरूरत पर बल दिया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता आईआईटी निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने की।
उन्होंने सम्मेलन की डिजिटल स्मारिका का लोकार्पण किया। इसके बाद प्रदर्शनी खंड में कक्षा 9 से स्नातक स्तर तक के विद्यार्थियों ने नदी स्वच्छता और नवोन्मेषी विचारों पर आधारित पोस्टर, मॉडल, फोटोग्राफी और मौखिक प्रस्तुतियां दीं। स्वतंत्रता भवन के सीनेट हॉल में आयोजित थॉट लीडर सत्र में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के निदेशक धीरज जोशी, डेनमार्क दूतावास के पर्यावरण सलाहकार कैस्पर थोरीन मेइलैंड, इसरो के डॉ. राजीव जायसवाल, प्रो. हर्वे पिएगे, लखनऊ के प्रो. वेंकटेश दत्ता, आईआईटी कानपुर के प्रो. विनोद तारे ने नदी पुनर्जीवन की तकनीक पर चर्चा की।
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