Aravind Srinivas vs Sundar Pichai: अरविंद श्रीनिवास और सुंदर पिचाई दोनों IIT से, पर किसकी पढ़ाई ज्यादा दमदार
Aravind Srinivas vs Sundar Pichai: पर्प्लेक्सिटी के सीईओ अरविंद श्रीनिवास और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई दोनों IIT से पढ़ें हैं। लेकिन किसी पढ़ाई लिखाई व यात्रा में ज्यादा दम है-

Aravind Srinivas vs. Sundar Pichai : टेक्निकल वर्ल्ड में जब इंडियन टैलेंट की बात होती है तो इन दिनों दो नाम सबसे पॉपुलर हैं - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप पर्प्लेक्सिटी (Perplexity) के सीईओ अरविंद श्रीनिवास और गूगल व अल्फाबेट इंक के सीईओ सुंदर पिचाई। दोनों टेक दिग्गज तमिलनाडु से हैं। दोनों भारत के टॉप टेक्निकल संस्थान आईआईटी से पढ़े हैं। दोनों युवाओं ने दुनिया भर में यह फिर से बताया है कि जब इनोवेशन के जूनुन और विजन के साथ एकेडमिक एक्सीलेंस हो तो किन बुलंदियों को छुआ जा सकता है। हालांकि दोनों टेक दिग्गजों के रास्ते एक-दूसरे से बहुत अलग हैं। यहां देखते है कि किसकी शैक्षणकि यात्रा कैसी है-
आईआईटी मद्रास Vs आईआईटी खड़गपुर
अरविंद श्रीनिवास और सुंदर पिचाई ने भारत के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों अपना इंजीनियरिंग का सफर शुरू किया, हालांकि वे अलग-अलग पीढ़ी के थे। 1994 में चेन्नई में जन्मे श्रीनिवास ने आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक की पढ़ाई पूरी की, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उनकी दिलचस्पी बढ़ने लगी। पिचाई का जन्म 1972 में मदुरै में हुआ था। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। आईआईटी में उन्हें सिल्वर मेडल और विदेश में पढ़ाई के लिए एक अच्छी स्कॉलरशिप मिली।
पिचाई की उपलब्धियां डिजिटल इंडिया से पहले के दौर में उनके शानदार काम को साबित करती हैं। वहीं श्रीनिवास की डुअल डिग्री इंटरडिसिप्लिनरी लर्निंग के एक नए जमाने को दिखाती है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटेशन और एआई शामिल हैं। दोनों ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान अपनी एकेडमिक पकड़ को मजबूत बनाया लेकिन उन्होंने ऐसा बिल्कुल अलग दुनिया में किया।
दुनिया भर में नाम कमाना शुरू किया- स्टैनफोर्ड और व्हार्टन vs बर्कले
भारत में बेहतरीन काम करने के बाद दोनों टेक लीडर्स ने अमेरिका में बड़े सपनों को पूरा करने के लिए महाद्वीपों की यात्राएं कीं। सुंदर पिचाई मैटेरियल्स साइंस और इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी गए, जहां उन्होंने सिलिकॉन वैली के कुछ अलग करने और नई नई खोज करने की संस्कृति को अपनाया। अपनी लीडरशिप स्किल्स को चमकाने के लिए उन्होंने बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया के व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया। यहां से वे सिबेल स्कॉलर और पामर स्कॉलर दोनों के तौर पर ग्रेजुएट हुए। ये डिस्टिंक्शन वाला तमगा टॉप स्टूडेंट्स को मिलता है।
अरविंद श्रीनिवास ने कंप्यूटर साइंस में पीएचडी करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले को चुना। उनकी रिसर्च मशीन लर्निंग पर थी जिसने उन्हें एआई के सबसे बड़े बदलाव लाने वाले डेवलपमेंट में सबसे आगे रखा।
पिचाई का सफर टेक्नोलॉजी और बिजनेस के बीच एक परफेक्ट बैलेंस दिखाता है, जबकि श्रीनिवास की एजुकेशन में गहरी टेक्निकल मास्टरी दिखती है। एक ने चीजें लागू करने में महारत हासिल की तो दूसरने टेक्निकल क्षेत्र में।
कॉर्पोरेट लीडरशिप वर्सेज एआई एंटरप्रेन्योरशिप
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पिचाई ने एक प्रोफेशनल सफर शुरू किया जिसने आखिरकार ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडरशिप को फिर से परिभाषित किया। वह 2004 में गूगल में शामिल हुए। गूगल टूलबार और गूगल क्रॉम जैसे खास प्रोडक्ट्स को मैनेज किया और उनकी सफलता ने उन्हें 2015 में गूगल का सीईओ और बाद में अल्फाबेट इंक का सीईओ बना दिया। उनकी लीडरशिप को अकसर शांत रहकर मिलकर काम करते हुए साइलेंट क्रांति लाने वाला बताया जाता है।
अरविंद श्रीनिवास ने तरक्की के लिए एंटरप्रेन्योर वाला रास्ता अपनाया। 2022 में उन्होंने डेनिस याराट्स, जॉनी हो और एंडी कोनविंस्की के साथ मिलकर पर्प्लेक्सिटी एआई ( Perplexity AI ) की शुरुआत की। ओपन एआई , डीपमाइंड और गूगल ब्रेन में अपने अनुभव का इस्तेमाल करके उन्होंने एक एआई-पावर्ड सर्च इंजन बनाया जो साफ और बातचीत वाले तरीक से जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया था। उनकी लीडरशिप में कंपनी ने जेफ बेजोस, एलाद गिल, नेट फ्रीडमैन और एनवीडिया से इन्वेस्टमेंट हासिल किया, और स्मार्टफोन में एआई लाने के लिए ड्यूश टेलीकॉम के साथ पार्टनरशिप भी की।
जहां पिचाई ने एक दिग्गज टेक कंपनियों को और बुलंदियों पर पहुंचाया, वहीं श्रीनिवास ने इसे शुरू से बनाया। दोनों ही लोग साबित करते हैं कि सीखना कभी खत्म नहीं होता; यह बस आपके आस-पास की दुनिया के साथ बदलता रहता है।
किसका सफर बेहतर
अरविंद श्रीनिवास और सुंदर पिचाई की तुलना करना टेक्नोलॉजी के दो अलग-अलग दौर की तुलना करने जैसा है। सुंदर पिचाई लगन और लंबे समय तक चलने वाली लीडरशिप की सफलता की निशानी हैं। उनका एजुकेशनल रास्ता बैलेंस, दूर की सोच और ज्ञान को ग्लोबल असर में बदलने की काबिलियत दिखाता है।
दूसरी ओर, अरविंद श्रीनिवास स्पीड, टेक्निकल इनोवेशन और मॉडर्न एंटरप्रेन्योरशिप की भावना को दिखाते हैं। उनका सफर दिखाता है कि गहरा एकेडमिक फोकस नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे सकता है।




