बदल रहे हैं बैंक से जुड़े ये बड़े नियम, RBI का ऐलान, बैंक ग्राहकों के लिए जरूरी खबर
RBI का यह कदम बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता, सुगमता और उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। बता दें कि यह बदलाव देशभर के करोड़ों बैंक ग्राहकों को सीधा लाभ देगा और बैंकिंग प्रणाली को और अधिक भरोसेमंद बनाएगा

Bank Rule: बैंक खाताधारकों और लॉकर धारकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक खातों, लॉकरों और सेफ कस्टडी से जुड़ी नामांकन प्रक्रिया में बड़े बदलाव की घोषणा की है। नए नियम 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होंगे। इसके तहत अब ग्राहक अपने खाते या लॉकर में चार तक नामांकित व्यक्ति जोड़ सकेंगे।
अब एक खाते में चार तक नामांकन की सुविधा
RBI द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, ग्राहक अब बैंक खाते, लॉकर या सेफ कस्टडी में रखी वस्तुओं के लिए अधिकतम चार लोगों को नामांकित कर सकेंगे। खाता धारक इन चारों नामांकित व्यक्तियों को एक साथ जोड़ सकते हैं या उत्तराधिकार क्रम (Order of Succession) भी तय कर सकते हैं। यह प्रावधान उस स्थिति में बेहद उपयोगी होगा, जब किसी खाते या लॉकर के मालिक के निधन के बाद परिवार के सदस्यों के बीच दावे या अधिकार को लेकर विवाद उत्पन्न हो जाता है।
नामांकन प्रक्रिया होगी डिजिटल
RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे नामांकन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराएं। ग्राहक अब अपने मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से नामांकित व्यक्ति जोड़, बदल या हटाने की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। इस कदम से प्रक्रिया पारदर्शी होगी और कागजी कार्यवाही में लगने वाला समय कम होगा।
मौजूदा नामांकन रहेंगे मान्य
RBI ने स्पष्ट किया है कि जिन ग्राहकों ने पहले से किसी नामांकित व्यक्ति का विवरण दिया है, उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। उनका पुराना नामांकन जैसा का तैसा मान्य रहेगा, जब तक वे नया नामांकन जोड़ना या संशोधित करना न चाहें।
बैंकों को रखना होगा अपडेटेड रिकॉर्ड
केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि सभी बैंकों को ग्राहकों के नामांकनों का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रखना होगा। किसी भी बदलाव की स्थिति में बैंक को ग्राहक को तुरंत सूचना (SMS या ईमेल) देनी होगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
क्या है मकसद
RBI का यह कदम बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता, सुगमता और उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। नए नियमों से भविष्य में उत्तराधिकार विवादों में कमी आएगी और खाताधारकों के परिजनों को बैंक दावे की प्रक्रिया में त्वरित और सहज समाधान मिलेगा। बता दें कि यह बदलाव देशभर के करोड़ों बैंक ग्राहकों को सीधा लाभ देगा और बैंकिंग प्रणाली को और अधिक भरोसेमंद बनाएगा।




